शब्द
मंत्र है, मूलमंत्र है, स्वधा है, स्वाहा है |
जीव्हा की प्रत्यंचा पर चढ़े तो विष बुझा बाण है |
आहुति में भस्म हो जाए तो तपस्या |
कला है, कटाक्ष है, क्रीड़ा है, कथा है |
दवात की स्याही में घुल जाए तो महाकाव्य है |
सुरों से अठखेलियां करे तो राग |
क्षमा है, शौर्य है , रास है, रहस्य है |
हकलाते तुतलाते कंठ से अंकुरित हो तो वासल्य है |
किसी दूर देस में टकरा जाए तो विषाद |
पहेली है, पद्धति है, चुटकुला है, चातुर्य है !
आड़े तिरछे अक्षर मिल बैठे तो अनर्गल प्रलाप है |
मंच पर गूंजे तो प्रेरणा |
नींव है | निषकर्ष है |
आदि है | अनंत है |
- अक्षय सिंह
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